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क्यूआर कोड से चलेगा ऑटो-ई रिक्शा, मुजफ्फरपुर की ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव
- Reporter 12
- 22 Dec, 2025
मुजफ्फरपुर।लगातार बिगड़ती यातायात व्यवस्था पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन ने तकनीक का सहारा लिया है। अब मुजफ्फरपुर शहर में चलने वाले ऑटो और ई-रिक्शा की पहचान एक स्कैन में हो सकेगी। शहर के चार जोन और 20 तय रूटों पर संचालित सभी ऑटो और ई-रिक्शा में क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
क्यूआर कोड स्कैन करते ही वाहन से जुड़ी पूरी जानकारी—जैसे चालक का नाम, वाहन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस और किस रूट पर वाहन चलने के लिए अधिकृत है—तुरंत मोबाइल स्क्रीन पर दिख जाएगी। प्रशासन को उम्मीद है कि इस व्यवस्था से रूट उल्लंघन, अवैध परिचालन और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा।
शहर में कुल 4800 ऑटो और ई-रिक्शा के परिचालन की अनुमति दी गई है। इनमें 4200 वाहन निर्धारित रूटों पर चलेंगे, जबकि 600 वाहनों को फ्री या रिजर्व जोन में रखा गया है। अब तक यह पता लगाना मुश्किल था कि कौन सा वाहन किस रूट का है, लेकिन क्यूआर कोड लागू होने के बाद यह भ्रम खत्म हो जाएगा। परिवहन विभाग ने क्यूआर कोड जेनरेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिला परिवहन पदाधिकारी कुमार सत्येंद्र यादव के अनुसार, सभी ऑटो और ई-रिक्शा पर जल्द क्यूआर कोड चस्पा किया जाएगा। इसके साथ ही शहर को चार जोन में बांटकर कलर कोडिंग सिस्टम भी लागू किया गया है।
जोन-1: ऑरेंजजोन-2: पर्पल
जोन-3: लाइट रेड जोन-4 (फ्री/रिजर्व जोन): लाइट ब्राउन या व्हाइट
इस रंग व्यवस्था से आम यात्रियों और ट्रैफिक पुलिस दोनों को वाहनों की पहचान में आसानी होगी।
नई व्यवस्था के तहत ग्रामीण इलाकों से आने वाले ऑटो को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। बैरिया, जीरोमाइल, मिठनपुरा, रामदयालु और भगवानपुर सहित कई स्थानों को इंट्री प्वाइंट के रूप में चिन्हित किया गया है। हालांकि, आपात स्थिति में मरीज को ले जा रहे ऑटो को इस नियम से छूट दी जाएगी।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जनवरी से नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। संकेत साफ हैं—अब मुजफ्फरपुर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए तकनीक और सख्ती, दोनों का इस्तेमाल होगा।
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